||*जय श्री राधे कृष्ण*||हम क्यों रोते जग के नश्वरता पेन ये संसार मेरान ये संसार तेरानित्य नये आते आनेवाले लौटते जाने कब से चल रहान रूकने वाला क्रमराम कृष्ण यीशु पैगम्बरबुद्ध महावीर तीर्थंकरमुनि ज्ञानी संत फकीरमानते जानते पुजतेफिर भी ?हम क्यों रोतेजाना तो हैक्यों नही कुछ नयाकरने की खुद सेखुद ही प्रयास करते अवश्य कर पायेंगेहम संतान उनके हैंउद्देश्य आने का कुछ तो होगाजब हम बदलतेनित्य नए नूतनप्रसन्न होतेपर अगर आत्माक्यों नहीं आत्मचिंतन करते,
||*जय श्री राधे कृष्ण*||
हम क्यों रोते
जग के नश्वरता पे
न ये संसार मेरा
न ये संसार तेरा
नित्य नये आते
आनेवाले लौटते
जाने कब से चल रहा
न रूकने वाला क्रम
राम कृष्ण यीशु पैगम्बर
बुद्ध महावीर तीर्थंकर
मुनि ज्ञानी संत फकीर
मानते जानते पुजते
फिर भी ?
हम क्यों रोते
जाना तो है
क्यों नही कुछ नया
करने की खुद से
खुद ही प्रयास करते
अवश्य कर पायेंगे
हम संतान उनके हैं
उद्देश्य आने का
कुछ तो होगा
जब हम बदलते
नित्य नए नूतन
प्रसन्न होते
पर अगर आत्मा
क्यों नहीं आत्मचिंतन करते
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