इंतजार के आँचल मेंसबर की आख़िरी हिचकी ले दम तोड़ रही है मेरी महुबबतपरवाह का गंगा जलबख़्श दो आख़िरी जज़्बातों को उम्मीद की चंद साँसें फूँक दोबुझते अहसासों मेंया फिर आ जाना मेरी रूखसती पेउधार माँग थोड़ी फुरसत कहीं सेलबों से अपने बंद कर देनाराह तकती मेरी आँखो को "राधा रानी"💐🌹जय जय श्री राधे।।💐🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
इंतजार के आँचल में
सबर की आख़िरी हिचकी
ले दम तोड़ रही है
मेरी महुबबत
परवाह का गंगा जल
बख़्श दो आख़िरी जज़्बातों को
उम्मीद की चंद साँसें फूँक दो
बुझते अहसासों में
या फिर आ जाना मेरी रूखसती पे
उधार माँग थोड़ी फुरसत कहीं से
लबों से अपने बंद कर देना
राह तकती मेरी आँखो को
"राधा रानी"
💐🌹जय जय श्री राधे।।💐🌹
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें