श्री कृष्ण के बारे में आप क्या जानते है ? By वनिता कासनियां पंजाब ? श्री कृष्ण के बारे में आप क्या जानते है ?✍️ श्री कृष्ण का विशाल चरित्र तो अनेक रंगों से भरा है।उनको जानने समझने केलिए बुद्धि की ही नहीं विवेक की आवश्कता है। इस लिए हम जैसे समान्य मनुष्यों केलिए श्री कृष्ण को समझना कोई आसान कार्य तो केतही नहीं है।तो वहीं कुछ लोग श्री कृष्ण जी को वामपंथ दक्षिणपंथ में बांध रहें हैं।पर जो मजहब और विचारधारों में बंध जाए, क्या वो कृष्ण हो सकते हैं?वो तो सभी मनुष्य को बंधनों से छुटकारा दिलाते हैं, वो खुद बंध जाएं, ऐसा तो सोचना भी किसी गुनाह से कम नहीं।वो तो अर्जुन को निष्काम कर्म से भी ना बंधने के प्रति सावधान करते थे, तो क्या वो तुष्य विचारधराओं से खुद बंध जाएंगे?श्री कृष्ण को समझना है तो गीता का गहन अध्यन करना होगा। उसके रहस्य को समझना होगा।क्योंकि श्री कृष्ण ने स्वय कहा है,‘मैं जो गीता में कहना चाहता हूँ, उसका स्थूल अर्थ एक हज़ार में से एक व्यक्ति समझ सकेगा।ऐसे एक हज़ार स्थूल अर्थ समझने वाले व्यक्तियों में से एक व्यक्ति गीता का सूक्ष्म अर्थ समझ सकेगा।ऐसे एक हज़ार सूक्ष्म अर्थ समझनेवालों में से एक व्यक्ति सूक्ष्मतर अर्थ को समझ सकेगा।ऐसे एक हज़ार सूक्ष्मतर अर्थ को समझनेवालों में से एक व्यक्ति गीता का सूक्ष्मतम अर्थ अर्थात् मेरा आशय समझ सकेगा!’इस मंच के समस्त लेखकों और पाठकों को इस माखन चोर को जन्म अष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! 🙏💐😊चित्र स्रोत:गूगल इमेजेस के द्वारा आभार सहित।
श्री कृष्ण के बारे में आप क्या जानते है ?
✍️ श्री कृष्ण का विशाल चरित्र तो अनेक रंगों से भरा है।
उनको जानने समझने केलिए बुद्धि की ही नहीं विवेक की आवश्कता है। इस लिए हम जैसे समान्य मनुष्यों केलिए श्री कृष्ण को समझना कोई आसान कार्य तो केतही नहीं है।
तो वहीं कुछ लोग श्री कृष्ण जी को वामपंथ दक्षिणपंथ में बांध रहें हैं।
पर जो मजहब और विचारधारों में बंध जाए, क्या वो कृष्ण हो सकते हैं?
वो तो सभी मनुष्य को बंधनों से छुटकारा दिलाते हैं, वो खुद बंध जाएं, ऐसा तो सोचना भी किसी गुनाह से कम नहीं।
वो तो अर्जुन को निष्काम कर्म से भी ना बंधने के प्रति सावधान करते थे, तो क्या वो तुष्य विचारधराओं से खुद बंध जाएंगे?
श्री कृष्ण को समझना है तो गीता का गहन अध्यन करना होगा। उसके रहस्य को समझना होगा।
क्योंकि श्री कृष्ण ने स्वय कहा है,
‘मैं जो गीता में कहना चाहता हूँ, उसका स्थूल अर्थ एक हज़ार में से एक व्यक्ति समझ सकेगा।
ऐसे एक हज़ार स्थूल अर्थ समझने वाले व्यक्तियों में से एक व्यक्ति गीता का सूक्ष्म अर्थ समझ सकेगा।
ऐसे एक हज़ार सूक्ष्म अर्थ समझनेवालों में से एक व्यक्ति सूक्ष्मतर अर्थ को समझ सकेगा।
ऐसे एक हज़ार सूक्ष्मतर अर्थ को समझनेवालों में से एक व्यक्ति गीता का सूक्ष्मतम अर्थ अर्थात् मेरा आशय समझ सकेगा!’
इस मंच के समस्त लेखकों और पाठकों को इस माखन चोर को जन्म अष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! 🙏💐😊
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