. स्वर्ग की मिट्टीBy समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब एक पापी इन्सान मरते वक्त बहुत दुख और पीड़ा भोग रहा था। लोग वहाँ काफी संख्या में इकट्ठे हो गये। वहीं पर एक महापुरूष आ गये, पास खड़े लोगों ने महापुरूष से पूछा कि आप इसका कोई उपाय बतायें जिससे यह पीड़ा से मुक्त होकर प्राण त्याग दे और ज्यादा पीड़ा ना भोगे। महापुरूष ने बताया कि अगर स्वर्ग की मिट्टी लाकर इसको तिलक किया जाये तो ये पीड़ा से मुक्त हो जायेगा। ये सुनकर सभी चुप हो गये। अब स्वर्ग कि मिट्टी कहाँ से और कैसे लायें ? महापुरुष की बात सुन कर एक छोटा सा बच्चा दौड़ा दौड़ा गया और थोड़ी देर बाद एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर आया और बोला ये लो स्वर्ग की मिट्टी इसे तिलक कर दो। बच्चे की बात सुनकर एक आदमी ने मिट्टी लेकर उस आदमी को जैसे ही तिलक किया कुछ ही क्षण में वो आदमी पीड़ा से एकदम मुक्त हो गया। यह चमत्कार देखकर सब हैरान थे, क्योंकि स्वर्ग की मिट्टी कोई कैसे ला सकता है ? और वो भी एक छोटा सा बच्चा। हो ही नहीं सकता। महापुरूष ने बच्चे से पूछा- 'बेटा! ये मिट्टी तुम कहाँ से लेकर आये हो ? पृथ्वी लोक पे कोन सा स्वर्ग है जहाँ से तुम कुछ ही पल में ये मिट्टी ले आये?' लड़का बोला- 'बाबा जी एक दिन स्कूल में हमारे गुरुजी ने बताया था कि माँ बाप के चरणों में सबसे बड़ा स्वर्ग है, उसके चरणों की धूल से बढ़कर दूसरा कोई स्वर्ग नहीं। इसलिये मैं ये मिट्टी अपने बाप के चरणों के नीचे से लेकर आया हूँ।' बच्चे मुँह से ये बात सुनकर महापुरूष बोले- 'बिल्कुल बेटे माँ बाप के चरणो से बढ़कर इस जहाँ में दूसरा कोई स्वर्ग नहीं। और जिस औलाद की वजह से माँ बाप की आँखो में आँसू आये ऐसी औलाद को नरक इस जहाँ में ही भोगना पड़ता है।' ~~~०~~~ "जय जय श्री राधे"************************************** "श्री बाल वनिता महिला आश्रम की सभी धार्मिक, आध्यात्मिक एवं धारावाहिक पोस्टों के लिये हमारे पेज से जुड़े रहें तथा अपने सभी भगवत्प्रेमी मित्रों को भी आमंत्रित करें👇बाल वनिता महिला आश्रम
. स्वर्ग की मिट्टी
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
एक पापी इन्सान मरते वक्त बहुत दुख और पीड़ा भोग रहा था। लोग वहाँ काफी संख्या में इकट्ठे हो गये।
वहीं पर एक महापुरूष आ गये, पास खड़े लोगों ने महापुरूष से पूछा कि आप इसका कोई उपाय बतायें जिससे यह पीड़ा से मुक्त होकर प्राण त्याग दे और ज्यादा पीड़ा ना भोगे।
महापुरूष ने बताया कि अगर स्वर्ग की मिट्टी लाकर इसको तिलक किया जाये तो ये पीड़ा से मुक्त हो जायेगा। ये सुनकर सभी चुप हो गये। अब स्वर्ग कि मिट्टी कहाँ से और कैसे लायें ?
महापुरुष की बात सुन कर एक छोटा सा बच्चा दौड़ा दौड़ा गया और थोड़ी देर बाद एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर आया और बोला ये लो स्वर्ग की मिट्टी इसे तिलक कर दो।
बच्चे की बात सुनकर एक आदमी ने मिट्टी लेकर उस आदमी को जैसे ही तिलक किया कुछ ही क्षण में वो आदमी पीड़ा से एकदम मुक्त हो गया।
यह चमत्कार देखकर सब हैरान थे, क्योंकि स्वर्ग की मिट्टी कोई कैसे ला सकता है ? और वो भी एक छोटा सा बच्चा। हो ही नहीं सकता।
महापुरूष ने बच्चे से पूछा- 'बेटा! ये मिट्टी तुम कहाँ से लेकर आये हो ? पृथ्वी लोक पे कोन सा स्वर्ग है जहाँ से तुम कुछ ही पल में ये मिट्टी ले आये?'
लड़का बोला- 'बाबा जी एक दिन स्कूल में हमारे गुरुजी ने बताया था कि माँ बाप के चरणों में सबसे बड़ा स्वर्ग है, उसके चरणों की धूल से बढ़कर दूसरा कोई स्वर्ग नहीं। इसलिये मैं ये मिट्टी अपने बाप के चरणों के नीचे से लेकर आया हूँ।'
बच्चे मुँह से ये बात सुनकर महापुरूष बोले- 'बिल्कुल बेटे माँ बाप के चरणो से बढ़कर इस जहाँ में दूसरा कोई स्वर्ग नहीं। और जिस औलाद की वजह से माँ बाप की आँखो में आँसू आये ऐसी औलाद को नरक इस जहाँ में ही भोगना पड़ता है।'
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"जय जय श्री राधे"
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