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भजन

  1. कृष्ण भगवान के भजन लिरिक्स - Krishna Bhajan Lyrics

    कृष्ण भगवान के भजन लिरिक्स

    Krishna Bhajan Lyrics

    लिरिक्स

  2. अरे द्वारपालो कन्हैया से कहदो दर पे सुदामा ककरीब आ गया है लिरिक्स
  3. मुरली वाले मुरली बजा कृष्ण भजन लिरिक्स
  4. जरा धीरे से बजाना बंसी बजाने वाले कृष्ण भजन लिरिक्स 
  5. सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया लिरिक्स
  6. वो मुरली याद आती है सुन कान्हा सुन भजन लिरिक्स
  7. घर घर में बस रहा है मेरा श्याम खाटू वाला भजन लिरिक्स
  8. बिगड़ी किस्मत को जगा दे ऐसा मेरा श्याम है लिरिक्स
  9. कौन कहता है भगवान आते नहीं भजन लिरिक्स
  10. कृष्णा माझ्या कड़े पाहू नको रे माझी घागर गेली फुटून गौळण लिरिक्स
  11. कृष्णा तुला मी ताकीद करते मराठी गौळण लिरिक्स
  12. तेरी गलियों का हु आशिक तू एक नगीना है भजन लिरिक्स
  13. कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना भजन लिरिक्स
  14. मुरली वाले ओ बंसी वाले बंसी बजादे मुरली सुनादे लिरिक्स
  15. सांगू कुणाला बोलू कुणाला बघतोय मुरली वाला वाट माझी लिरिक्स
  16. किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये भजन लिरिक्स
  17. एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा लिरिक्स
  18. ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन लिरिक्स
  19. दरबार तेरा कान्हा जन्नत का नजारा है लिरिक्स
  20. कन्हैया ले चल परलीपार कृष्ण भजन लिरिक्स
  21. मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने भजन लिरिक्स 
  22. मेरी बिगड़ी बनाने वाला मेरी किस्मत जगाने वाला एक तू है लिरिक्स
  23. मै तेरा हो जाऊ झूठी दुनिया का हु फ़िलहाल लिरिक्स
  24. मेरे दिल की दुनिया है तेरे हवाले कृष्ण भजन लिरिक्स
  25. तेरे बिना गोपाल मेरा दिल नहीं लगता लिरिक्स
  26. ना जी भर के देखा ना कुछ बात की भजन लिरिक्स
  27. हमने आंगन नही बहारा कैसे आयेंगे भगवान भजन लिरिक्स
  28. मेरे नैना लड़ गये कुञ्ज बिहारी से भजन लिरिक्स
  29. कैसा चक्र चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने भजन लिरिक्स
  30. गोकुल नगरी में रहता है कोई जादूगर कृष्ण भजन लिरिक्स
  31. छाप तिलक सब छिनी रे मोसे नैना मिलायीके लिरिक्स
  32. मै तो मुरली वाले का दिल से गुलाम हो गया भजन लिरिक्स
  33. मेरे घनश्याम से अब मिला दो भजन लिरिक्स
  34. ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान लिरिक्स
  35. दर्द किसको दिखाऊ कन्हैया कोई हमदर्द तुम सा नहीं है लिरिक्स
  36. ब्रज में खेल रहे है होली लिरिक्स
  37. जहां जहां राधे वहां जाएंगे मुरारी लिरिक्स
  38. कशी जाऊ मी वृंदावना मूरली वाजवितो कान्हा लिरिक्स
  39. गवळण मथूरेला निघाली लिरिक्स
  40. कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना लिरिक्स
  41. दीवाना हु तेरा कान्हा दीवाना हु तेरा कान्हा भजन लिरिक्स
  42. नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा लिरिक्स
  43. सांवरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है लिरिक्स
  44. ओं मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना भूल जाने के काबिल नहीं है लिरिक्स
  45. श्याम चंदा है श्यामा चकोरी बड़ी सुन्दर है दोनों की जोड़ी लिरिक्स
  46. मुक्ति का कोई तु जतन कर ले रोज थोड़ा थोड़ा हरि का भजन कर लें लिरिक्स
  47. दिल मेरा ले गया सांवरिया ओढ़ के काली कामलिया लिरिक्स
  48. मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना श्याम भजन लिरिक्स
  49. हरी नाम नही तो जीना क्या भजन लिरिक्स
  50. बड़ी दूर से चलकर आया हु मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए भजन लिरिक्स
  51. श्याम तेरी सावरी सूरत पे मर मिट जाउंगी भजन लिरिक्स
  52. पल भर के लिए कोई राधा नाम जप ले कृष्ण भजन लिरिक्स
  53. मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली वाले तेरा लिरिक्स
  54. तेरी बांकी अदा ने ओ सावरे मुझे तेरा दीवाना बना दिया लिरिक्स
  55. अगर श्याम तेरी कृपा ना होती गरीबो को दुनिया जीने ना देती लिरिक्स
  56. एक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सांवरिया राधा यु रो रो कहे लिरिक्स
  57. पकड़ लो हाथ बनवारी नहीं तो डूब जाएंगे श्याम भजन लिरिक्स
  58. जब से दाता मैंने तेरा नाम लिया है धीरे धीरे मेरा हर काम हुआ है लिरिक्स
  59. कहा से आये श्याम और कहा से आये शंकर भजन  लिरिक्स
  60. वृन्दावन  में जाये या कुंज गलिन में जाये भजन लिरिक्स
  61. जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम भजन लिरिक्स
  62. दरबार हजारो है ऐसा दरबार कहा श्याम भजन लिरिक्स 
  63. श्याम बुलाये राधा ना आये आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झुला पड़े भजन लिरिक्स
  64. सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल भजन लिरिक्स
  65. मेरे अंगना में तुलसी का ब्याह सखियों तुलसी विवाह भजन लिरिक्स
  66. भेष बदल कै कृष्ण आग्या बणके मांगन आला लिरिक्स 
  67. तेरे पूजन को भगवान बना मन मन्दिर आलीशान भजन लिरिक्स
  68. कान्हा काटै मतना चुटकी मेरी फूट जावैगी मटकी लिरिक्स
  69. कन्हैया तेरा यार सुदामा आया कृष्ण भजन लिरिक्स
  70. मेरी सूख गई तुलसा पानी के बिना राधा रानी के बिना लिरिक्स
  71. भगवान मेरी नईया उस पार लगा देना भजन लिरिक्स
  72. कन्हैया दौड़े आते है भजन लिरिक्स
  73. कूदे यमुना में कन्हैया ले के मुरली भजन लिरिक्स
  74. छोड़ेंगे ना हम तेरा द्वार ओ बाबा मरते दम तक भजन लिरिक्स
  75. तेरे दरबार में नाचेंगे कृष्ण भजन लिरिक्स 
  76. कान्हा बस तेरा सहारा भजन लिरिक्स
  77.  श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है भजन लिरिक्स
  78. तेरा दरबार निराला बिन मांगे देने वाला भजन लिरिक्स
  79. शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी भजन लिरिक्स
  80. ओ यशोमती मैया मेरी फोड़ गया गागरिया भजन लिरिक्स
  81. जब से लिया सहारा तेरा ओ मुरलीवाले भजन लिरिक्स
  82. तू प्यार का सागर है भजन लिरिक्स
  83. मेरे साँवरे तेरे बिन जी ना लगे भजन लिरिक्स
  84. मिला दो अरे द्वारपालों  मेरे घनश्याम से तुम मिला दो भजन लिरिक्स
  85. मेरे सांवरे तुझ बिन नहीं जग में मेरा कोई आसरा भजन लिरिक्स
  86. श्याम तेरी लगन लगी भजन लिरिक्स
  87. ले लो शरण कन्हैया दुनिया से हम है हारे भजन लिरिक्स
  88. राधे रानी हमें भी बता दे जरा तेरा दीवाना कैसे हुआ साँवरा भजन लिरिक्स
  89. नैनो में चले आओ श्याम दर्शन दिखाने को भजन लिरिक्स
  90. लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जायेगा भजन लिरिक्स
  91. राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा भजन  लिरिक्स
  92. ढोलिया ढोल बजा दे जमके जनम लियो राधा रानी ने भजन लिरिक्स
  93. मुरली जो ली तूने हाथों में कृष्णा भजन लिरिक्स
  94. ये कुंज गली कृष्ण भजन लिरिक्स
  95. कन्हैया आये मेरे द्वार भजन लिरिक्स
  96. दीवाना राधे का मुरली वाला श्याम भजन लिरिक्स
  97. लिए जा लिए जा मन राधे राधे नाम भजन लिरिक्स
  98. नंदलाला कृष्ण मुरारी तेरे चरणों पे बलहारी लिरिक्स
  99. सांवरे को दिल में बसा के तो देखो लिरिक्स
  100. नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की लिरिक्स
  101. तू माने या ना माने मेरे कान्हा लिरिक्स
  102. पाहिला नंदाचा नंदन लिरिक्स 
  103. मेरा छोड़ दे दुपट्टा नन्दलाल लिरिक्स 
  104. राधे-राधे जपा करो लिरिक्स
  105. इतनी किरपा सांवरे बनाये रखना लिरिक्स
  106. मेरा कोई न सहारा बिन तेरे लिरिक्स
  107. मनवा खेती करो हरी नाम की लिरिक्स
  108. प्रेम के जो धागे है देखना वो टूटे ना लिरिक्स
  109. लौ तू लगा श्याम से लिरिक्स
  110. तोरा मन दर्पन कहलाये लिरिक्स
  111. प्रेम तुमसे किया है ओ बाबा लिरिक्स
  112. बिगड़ी मेरी बना दे ऐ श्याम खाटू वाले लिरिक्स
  113. सपने मे  मेरे सांवरा आता कभी कभी लिरिक्स
  114. हरी नाम का प्याला लिरिक्स 
  115. रंग दे चुनरिया लिरिक्स 
  116. तेरे दर को मै छोड़ कहा जाऊं ना दूजा कोई  लिरिक्स
  117. सपने में रात में आया लिरिक्स
  118. अरे रे मेरी जान है राधा लिरिक्स
  119. हे करुणामयी राधे लिरिक्स
  120. श्री राधे मोहे बृज को बनइयों मोर लिरिक्स
  121. कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी लिरिक्स
  122. हरि नाम गा लो सहारा मिलेगा लिरिक्स
  123. मीरा दीवानी हो गयी रे लिरिक्स
  124. जी रहा हु कृपा पे तेरी सावरे लिरिक्स
  125. मिश्री से मिठो नाम हमारी राधा रानी को लिरिक्स
  126. कजरारे मोटे-मोटे तेरे नैन लिरिक्स
  127. कब होगा तेरा दीदार कुछ तो बोलो सरकार लिरिक्स
  128. पलना में झूले मेरे बाँके बिहारी लिरिक्स
  129. मन बस गयो नन्द किशोर लिरिक्स
  130. बनवारी  तेरी यारी ने दीवाना बना दिया लिरिक्स
  131. श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे लिरिक्स
  132. कितना प्यारा है श्रृंगार लिरिक्स
  133. ज़रा इतना बता दे कान्हा लिरिक्स
  134. मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स
  135. पत्थर की राधा प्यारी लिरिक्स
  136. मेरा खोय गयो बाजूबन्द ओ रसिया होली में लिरिक्स
  137. मुझे ऐसी लगन तू लगा दे लिरिक्स
  138. मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके लिरिक्स
  139. म्हारां घट मा बिराजता श्री नाथजी लिरिक्स
  140. बस इतनी तमन्ना है श्याम तुम्हे देखूं लिरिक्स
  141. ये सारे खेल तुम्हारे है जग कहता खेल नसीबों का लिरिक्स
  142. एक नजर किरपा की कर दो लाडली श्री राधे लिरिक्स
  143. बनवारी ओ कृष्ण मुरारी बता लिरिक्स
  144. तुम हमारे थे प्रभुजी तुम हमारे हो लिरिक्स
  145. कोई बिछुड़ गया मिल के लिरिक्स
  146. मुझे नींद भी ना आये मुझे चैन भी ना आये लिरिक्स
  147. जी लेंगे सरकार तेरी सरकारी में लिरिक्स
  148. पर्वत पे डमरू बजावे भोले बाबा लिरिक्स
  149. श्याम सपनो में आता क्यूँ नहीं लिरिक्स
  150. आज हरी आये विदुर घर पावना लिरिक्स
  151. राम शरण में ले चलू लिरिक्स
  152. बहुत दिन हुए तेरे दीदार के बिना लिरिक्स
  153. मेरे दिल को चुराके ले गया लिरिक्स
  154. जगत तो है परदेस पंछी रे उड़ चल अपने देश लिरिक्स
  155. तेरे बिना दिलदार मेरा दिल नहि लगता लिरिक्स
  156. श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो लिरिक्स
  157. राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी लिरिक्स
  158. आजा मनमोहन मीरा मिड़तनी बुलावे लिरिक्स
  159. बन जाऊं तेरी प्यारी तुझे प्यार करते करते लिरिक्स
  160. भवसागर पड़ी मेरी नैया अब आ जा रे मेरे कन्हैया लिरिक्स
  161. मोहन हमारे मधुबन में तुम आया ना करो लिरिक्स
  162. अगर श्याम तेरी कृपा ना होती लिरिक्स
  163. होली खेल रहे बांके बिहारी आज रंग बरस रहा लिरिक्स
  164. राधे राधे बोल मना लिरिक्स
  165. राधा रानी लागे लिरिक्स
  166. मुझे अपने ही रंग में रंगले लिरिक्स
  167. मै जहा भी रहू बरसाना मिले लिरिक्स
  168. मुझे कुछ तो बता प्यारे कारण रुसवाई का लिरिक्स
  169. छाये काली घटाए तो क्या लिरिक्स
  170. ऐंवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना लिरिक्स
  171. मन माखन मेरो चुराय गयो री लिरिक्स
  172. घणी दूर से दोड़्यो थारी गाडुली के लार लिरिक्स
  173. मेरे बांके बिहारी लाल लिरिक्स 
  174. राधे किशोरी दया करो लिरिक्स
  175. आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको लिरिक्स
  176. एक नजर कृपा की करदो लाडली श्री राधे लिरिक्स
  177. नंद भवन में उड़ रही धूल लिरिक्स
  178. मोहे ब्रज की धुल बना दे लिरिक्स
  179. दुनिया का बन कर देख लिया लिरिक्स
  180. ओ साँवरे दाता मेरे तेरा शुक्रिया है लिरिक्स
  181. थे तो आरोगो नी मदन गोपाल लिरिक्स
  182. तू कर परिक्रमा गोवर्धन की लिरिक्स
  183. मोहे होरी में कर गयो तंग लिरिक्स
  184. वृन्दावन जाऊँगी सखी वृन्दावन जाऊँगी लिरिक्स
  185. मेरो बांके बिहारी अनमोल रसिया लिरिक्स
  186. मैं हूँ नहीं तेरे प्यार के काबिल लिरिक्स
  187. बरसाना लगे मोहे प्यारा लिरिक्स
  188. दिल खो गया बांके बिहारी श्री वृन्दावन में लिरिक्स
  189. मीरा के प्रभु गिरधर नागर लिरिक्स
  190. अधरं मधुरं वदनं मधुरं लिरिक्स
  191. मेरे बांके बिहारी नन्दलाल मोहना लिरिक्स
  192. देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ लिरिक्स
  193. सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है लिरिक्स
  194. खाटू ना आऊँ तो जी घबराता है लिरिक्स
  195. हरे कृष्णा हरे लिरिक्स
  196. फंसी भंवर में थी मेरी नैया लिरिक्स
  197. मैं तो जो कुछ भी हूँ लिरिक्स
  198. जीमो जीमो साँवरिया थे लिरिक्स
  199. बाँके बिहारी कृष्ण मुरारी लिरिक्स
  200. तू तो सब जाणे है लिरिक्स
  201. मेरी सुन ले श्याम प्यारे लिरिक्स
  202. तूने बाँसुरी बजाई तो धमाल हो गया लिरिक्स
  203. दुनिया ने दिल दुखाया गोविन्द काम आया लिरिक्स
  204. हँसा के क्यों रुलाए रे लिरिक्स
  205. तक़दीर मुझे ले चल मेरे खाटू की बस्ती में लिरिक्स
  206. उड़ जा काला कागला साँवरियो आवे रे लिरिक्स
  207. ओ मेरे सावरे मिल गयी छाव रे लिरिक्स
  208. जग घूम लिया सारा मैंने तेरे जैसा कोई और नहीं लिरिक्स
  209. मुझे राधे नाम सुनाई दे लिरिक्स
  210. तेरे बन्दे हैं लिरिक्स
  211. ढूंढ़ती फिरती हू तुझको कब मिलोगे सांवरे लिरिक्स
  212. मेरे सिर पे बाबा श्याम घुमा दे मोर छड़ी लिरिक्स
  213. निगाहें फेर क्यों बैठे मेरा तो और ना कोई लिरिक्स
  214. सपना में देख्यो रे म्हाने श्याम लिरिक्स
  215. श्याम रखते थे खबर तुम बेखबर क्यों हो गए लिरिक्स
  216. भरोसे हम तो बाबा के जो होगा देखा जाएगा लिरिक्स
  217. कृपा कर दो दया कर दो लाडली श्री राधे लिरिक्स
  218. जहाँ जुटेंगे श्याम के प्रेमी लिरिक्स
  219. लकों का घर तैयार साँवरे लिरिक्स
  220. क्या पाया है दर तेरे आके तू जाने या मैं जानू लिरिक्स
  221. मेरे श्याम का जग दीवाना है लिरिक्स
  222. श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में  लिरिक्स
  223. सांवरिया तेरी चाहत ने मुझे पागल बना दिया लिरिक्स
  224. तेरे नाम के पागल हैं हमे दुनिया की परवाह नहीं लिरिक्स
  225. कोई और नहीं खाटू वाला श्याम है लिरिक्स
  226. महफ़िल है श्याम आपकी महफ़िल में आइये ज़रा लिरिक्स
  227. सांवरिया तू वादा कर मेरा हाथ ना छोड़ेगा लिरिक्स
  228. और कुछ ना तमन्ना मेरी मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई लिरिक्स
  229. इस मतलब की दुनिया में  लिरिक्स
  230. दया थोड़ी सी कर दो ना लिरिक्स
  231. तेरा साथ है तो मुझे क्या फिक्र है लिरिक्स
  232. प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना लिरिक्स
  233. किसको कहूं मैं अपना किसको कहूं पराया लिरिक्स
  234. हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है लिरिक्स
  235. जब तक साँसे चलेंगी मुझको दर पे बुलाना लिरिक्स
  236. झूला झूलो री राधा रानी लिरिक्स 
  237. मांगने की आदत जाती नहीं लिरिक्स
  238. बाँस की बाँसुरिया पे घणों इतरावे लिरिक्स
  239. हाथ जोड़ विनती करूँ सुनियो चित्त लगाए लिरिक्स
  240. दिल दिया मैंने उस साँवरे को लिरिक्स
  241. रिश्ता तू बना ले श्याम से आराम पायेगा लिरिक्स
  242. नज़रें ज़रा मिला ले ऐ श्याम खाटू वाले लिरिक्स
  243. श्याम तेरी दुनियाँ दीवानी है लिरिक्स
  244. हम श्याम के प्रेमी हैं हम श्याम पे मरते हैं लिरिक्स
  245. सरकार हज़ारों दुनिया में पर खाटू सी सरकार नहीं लिरिक्स
  246. एक बात मुझे ये केहनी है मेरी बाबा से अर्ज़ी है लिरिक्स
  247. नज़र में रहते हो मगर तुम नज़र नही आते लिरिक्स
  248. फागण का नज़ारा है लिरिक्स
  249. मंदिर अब सजने लगा है फागुन अब लगने लगा है लिरिक्स
  250. होलिया में उड़े रे गुलाल श्याम तेरे मंदिर में लिरिक्स
  251. जब भी आवाज़ लगाएगा तेरा खाटूवाला आएगा लिरिक्स
  252. फागण महीना आया उड़ता गुलाल लिरिक्स
  253. तेरी हो रही जय जयकार लिरिक्स
  254. कलयुग का रंग सांवरे लिरिक्स
  255. हाथ जोड़ विनती करूँ सुणियों चित्त लगाय लिरिक्स
  256. हम खाटूवाले हैं लिरिक्स
  257. लो आया देखो फागण का मेला लिरिक्स
  258. साँवरिया के आगे मैं ऊभो कर जोड़ लिरिक्स
  259. जब पलकें खोलूं तेरा चेहरा नज़र आये लिरिक्स
  260. श्याम भक्तो कि गड्डी पूरी 150 पे चल्ले लिरिक्स
  261. आँख में अंसुवन धार लिरिक्स
  262. हे श्याम तू जो रूठा लिरिक्स
  263. मेरे श्याम का जग दीवाना है लिरिक्स
  264. बनोगे राधा तो ये जानोगे कि कैसा प्यार है मेरा लिरिक्स
  265. दर्द किसको दिखाऊं कन्हैयाँ लिरिक्स
  266. लो हारी मैं तो हारी हूँ कर दो करम लिरिक्स
  267. मौजूद है तू मेरी रग रग में लिरिक्स
  268. कान्हा करे बरजोरी लिरिक्स
  269. होली श्याम के संग में लिरिक्स 
  270. खाटू में जाएंगे बाबा को रिझाएंगे लिरिक्स
  271. झूम के गाओ भक्तों लिरिक्स
  272. दर्द किसको दिखाऊं सावरिया लिरिक्स
  273. सब झूमो नाचो वो आने वाला है लिरिक्स
  274. कन्हैया मेरी लाज रखना लिरिक्स
  275. भक्तों के घर भी साँवरे आते रहा करो लिरिक्स
  276. श्री श्याम चालीसा एवं स्तुति लिरिक्स
  277. ओ बाबा इतना बता अब मैं जाऊँ कहाँ लिरिक्स
  278. मैं आता रहूं दरबार सांवरे लिरिक्स
  279. जबसे तेरी मेरी मुलाकात हो गयी  लिरिक्स
  280. गिरधर तेरे चरणों में हर सांस गुज़र जाए लिरिक्स
  281. नगरी हो वृन्दावन सी गोकुल सा घराना हो लिरिक्स
  282. मुझे ऐसी लगन तू लगा दे लिरिक्स
  283. खाटू के श्याम बिहारी लिरिक्स
  284. जादूगर मेरा सांवरा लिरिक्स
  285. दयालु तुम्हारी दया चाहता हूँ लिरिक्स
  286. श्याम सलोनो प्यारो म्हारो लिरिक्स 
  287. ओ सांवरे बना लो ना सेवादार लिरिक्स
  288. भर दे रे श्याम झोली भर दे लिरिक्स
  289. जो तू न मेहरबां होता लिरिक्स
  290. तेरी मोरछड़ी लहराई सारे जग में खुशियां छाई लिरिक्स
  291. भक्तों को दर्शन दे गया रे मेरा शीश का दानी लिरिक्स
  292. बस तू ही नज़र आये लिरिक्स
  293. कोई पूछे कैसा है तेरा श्याम मैं बोलूं बाबा चाँद जैसा लिरिक्स
  294. श्याम बसों मेरे मन में लिरिक्स
  295. नाम लेते ही बन जाते हैं मेरे बिगड़े काम लिरिक्स
  296. बाबा अब तो बुला लो ना द्वार लिरिक्स
  297. मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स
  298. हाल अपना सुनाऊँ किसे सांवरे लिरिक्स
  299. मथुरा में तेरा जलवा खाटू में नज़ारा है लिरिक्स
  300. तेरी कृपा से बाबा जीवन संवर रहा है लिरिक्स
  301. भूखे हैं हम सांवरे तेरे ही प्यार के लिरिक्स
  302. सरकार हमारे तुम हो श्याम हमारे लिरिक्स
  303. नाम लेते ही बन जाते हैं मेरे बिगड़े काम लिरिक्स
  304. कान्हा आ जाओ ब्रज में तुझे तेरी राधा पुकारे लिरिक्स
  305. खाटू वाला श्याम धनि मेरा यार है लिरिक्स
  306. खाटू वाले श्याम धनि मने चस्का एक तेरी यारी का लिरिक्स
  307. मैं लाडला खाटु वाले का लिरिक्स
  308. गजब मेरे खाटू वाले गजब थारे ठाठ निराले  लिरिक्स
  309. लेने आजा खाटू वाले रींगस के उस मोड़ पे लिरिक्स
  310. जियूं जब तक तेरे चरणों की इबादत दे दो लिरिक्स 
  311. मुझको जो कुछ मिला तेरे दर से मिला लिरिक्स
  312. ऐ श्याम तेरा दरबार बड़ा प्यारा लागे लिरिक्स
  313. तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने को आयी हूँ लिरिक्स
  314. हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है लिरिक्स
  315. जब साथ है सांवरा लिरिक्स
  316. राधे किशोरी दया करो लिरिक्स
  317. मेरे सांवरे रो रो पुकारू तेरा नाम रे लिरिक्स
  318. एक दिन मैं भी खाटू आऊं लिरिक्स 
  319. आजा मेरे कन्हैया बिन मांझी के सहारे लिरिक्स
  320. मेरी क़िस्मत का सितारा आपके हाथों में है लिरिक्स
  321. बाबा थाने काई भावे बोलो काई भोग लगावा लिरिक्स
  322. हर ख़ुशी मिलती मुझे खाटू आ जाने से लिरिक्स
  323. श्याम मेरा जीवन भी गुलज़ार कर दे लिरिक्स
  324. दिल चोरी साड्डा  हो गया खाटू के मंदिर में लिरिक्स
  325. श्याम ऐसी बजाई मुरलिया मेरी यमुना में बह गई गगरिया लिरिक्स
  326. जबसे हुई है तेरी मेहरबानी लिरिक्स
  327. मेरी बगिया के रखवाले श्याम खाटूवाले लिरिक्स
  328. आये नहीं घनश्याम जो साडी सर से सरकी लिरिक्स
  329. विनती सुनले सांवरे लिरिक्स
  330. जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है लिरिक्स
  331. तेरे लाडले का लाड तू लड़ा दे ओ मेरे सांवरिया लिरिक्स 
  332. ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं लिरिक्स
  333. चाहे खुशियां दे या ग़म लिरिक्स
  334. ये लखदातारी है लीले असवारी है लिरिक्स
  335. साथ खड़ा हु रक्षक बनके लिरिक्स
  336. श्याम नगरी में मकान होना चाहिये लिरिक्स
  337. श्याम प्रभु मेरे पर भी कृपा कर दो ना लिरिक्स
  338. अनमोल तेरा जीवन यूँ ही गँवा रहा है लिरिक्स
  339. तुम्हारे ही सहारे है मेरी नैया खाटूवाले लिरिक्स
  340. झाड़ा लगवा ले मोरछड़ी का जाके खाटू धाम रे लिरिक्स
  341. तेरा ही सहारा श्याम लिरिक्स
  342. हार गया हूँ मैं खाटूवाले तू आके मुझको थाम ले लिरिक्स
  343. हारा हूँ मैं बाबा अब आजा बाबा आजा लिरिक्स
  344. तुम मोरी राखो लाज हरी लिरिक्स
  345. दरबार तेरा सांवरे छूटे कभी नहीं लिरिक्स
  346. श्याम मोरछड़ी लहरादे सारे संकट कट जाएँ लिरिक्स
  347. मुसीबत में साथी श्याम सरकार था लिरिक्स 
  348. सर पे घुमा दो मोरछड़ी लिरिक्स
  349. मैं हक़ से कहती हूँ श्याम हमारा है लिरिक्स
  350. नैना निरखे बारम्बार सिणगार प्यारो लागे लिरिक्स
  351. राधे कौन से पुण्य किए तूने हरी रोज तेरे घर आते हैं लिरिक्स
  352. जमुना किनारे मेरा गाँव साँवरे आ जइयो लिरिक्स 
  353. यहाँ बनता नसीबा सभी का लिरिक्स
  354. मीठी मीठी मुरली बजा दे मेरे मोहन लिरिक्स
  355. हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी लिरिक्स
  356. तेरे नाम से ऐ श्याम मेरा चल रहा है काम लिरिक्स
  357. ए श्याम तेरे नाम से ही मेरी पहचान लिरिक्स
  358. बोल रहा है तन मन सारा राधे राधे लिरिक्स
  359. मेरा बन गया श्याम सहारा लिरिक्स
  360. जब तक साँसें रहेगी खाटू आऊंगा श्याम लिरिक्स
  361. तूने उसे थाम लिया जिसने तेरा नाम लिया लिरिक्स
  362. तेरे नाम से ही अपनी पहचान बनाऊंगा लिरिक्स
  363. खाटू की ज़मी पे रखा हमने जो पहला कदम लिरिक्स
  364. तेरी तस्वीर क्या देख ली सांवरे लिरिक्स
  365. चुपके से बाबा आएगा मेरे सर पर हाथ फिरायेगा लिरिक्स
  366. खाटू में ऐसा लगता तेरी गोद में बैठे लिरिक्स
  367. श्याम मेरा दिल ना लगे लिरिक्स
  368. मै तो दीवाना थारे नाम का लिरिक्स
  369. श्याम सा दानी कोई नहीं लिरिक्स
  370. कर श्याम को याद पता नहीं क्या देदे लिरिक्स
  371. लीला तेरी निराली कृष्ण मोरे लिरिक्स
  372. कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है लिरिक्स
  373. मेरी बिटिया चली है ससुराल श्याम तू संभाल इसको लिरिक्स
  374. रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ लिरिक्स
  375. मेरा खाटू से बुलावा आएगा लिरिक्स
  376. रहमत बरस रही है बाबा तेरी नज़र से लिरिक्स
  377. हस्ती ही ऐसी होती हर श्याम दीवाने की लिरिक्स
  378. भावों के भूखे हैं भगवन बस भाव से ही आते हैं लिरिक्स
  379. जबसे मिला है तेरा द्वार लिरिक्स
  380. जबसे सांवरे तुमको पाया है लिरिक्स
  381. श्याम बाबा ने बुलाया है लिरिक्स
  382. शुकर करूँ तेरा खाटूवाले लिरिक्स
  383. है तमन्ना मेरे दिल की बाबा यही लिरिक्स
  384. वृन्दावन के बांके बिहारी हम दर तेरे आये हैं लिरिक्स
  385. तेरे एक कदम पर मैं सौ कदम बढ़ाऊंगा लिरिक्स
  386. मेरा तेरे भरोसे डेरा लिरिक्स
  387. सांवरे बिन जिया जाए ना लिरिक्स
  388. कैसी मुरलीया बजाई रे लिरिक्स
  389. मुरली को बजाना तेरा रास रचाना लिरिक्स
  390. बाबा का नाम जप ले तुझे आसरा मिलेगा लिरिक्स
  391. हमारे साथ दो पल तुम बिता लोगे तो क्या होगा लिरिक्स
  392. हाथ जोड़ कर मांगता हूं ऐसा हो जनम लिरिक्स
  393. भर दे रे श्याम झोली भर दे लिरिक्स
  394. बाबा तू इतना बता दे लिरिक्स
  395. ओ मेरे कान्हा लिरिक्स 
  396. मेरी मटकी पे मदन गोपाल लिख दे लिरिक्स
  397. चलो नंद यशोदा के द्वार लिरिक्स
  398. दिल लगा लिया मैंने खाटू वाले से लिरिक्स

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🌹🌳जय श्री राधे कृष्णा जी 🌹by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🌳शुभ संध्या वंदना जी🌹🌳🥀🌲🥀🌲🥀#🌲🥀🙏_बिहारी_जी_का_आसन_"🙏🏻🌹.बहुत समय पहले कि बात है बिहारी जी का एक परम प्रिय भक्त था। वह नित्य प्रति बिहारी जी का भजन-कीर्तन करता था।🌳🌲🥀.उसके ह्रदय का ऐसा भाव था कि बिहारी जी नित्य उसके भजन-कीर्तन को सुनने आते थे।.एक दिन स्वप्न में बिहारी जी ने उससे शिकायत करते हुए कहा, तुम नित्य प्रति भजन-कीर्तन करते हो और मैं नित्य उसे सुनने आता भी हूं... 🌹🌳🌲.लेकिन आसन ना होने के कारण मुझे कीर्तन में खड़े रहना पड़ता है, जिस कारण मेरे पांव दुख जाते है, .अब तू ही मुझे मेरे योग्य कोई आसन दे जिस पर बैठ मैं तेरा भजन-कीर्तन सुन सकू।🌲🥀.तब भक्त ने कहा, प्रभु ! स्वर्ण सिंहासन पर मैं आपको बैठा सकूं इतना मुझमें सार्मथ्य नहीं और भूमि पर आपको बैठने के लिए कह नहीं सकता। .यदि कोई ऐसा आसन है जो आपके योग्य है तो वो है मेरे ह्रदय का आसन आप वहीं बैठा किजिये प्रभु।.बिहारी जी ने हंसते हुए कहा, वाह ! मान गया तेरी बुद्धिमत्ता को... 🌲🥀.मैं तुझे ये वचन देता हूं जो भी प्रेम भाव से मेरा भजन-कीर्तन करेगा मैं उसके ह्रदय में विराजित हो जाऊंगा।🌳🌲🥀.ये सत्य भी है और बिहारी जी का कथन भी। .वह ना बैकुंठ में रहते है ना योगियों के योग में और ना ध्यानियों के ध्यान में, वह तो प्रेम भाव से भजन-कीर्तन करने वाले के ह्रदय में रहते है।।🌳.बोलिए श्री बांके बिहारी लाल की जय....🙌🌺

*कालिदास बोले 😗 माते पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा.*स्त्री बोली 😗 बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो। मैं अवश्य पानी पिला दूंगी।*कालीदास ने कहा 😗 मैं पथिक हूँ, कृपया पानी पिला दें।*स्त्री बोली 😗 तुम पथिक कैसे हो सकते हो, पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं हमेशा चलते रहते। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ।*कालिदास ने कहा 😗 मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें।*स्त्री बोली 😗 तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं।पहला धन और दूसरा यौवन। इन्हें जाने में समय नहीं लगता। सत्य बताओ कौन हो तुम ?.(अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश तो हो ही चुके थे)*कालिदास बोले 😗 मैं सहनशील हूं। अब आप पानी पिला दें।*स्त्री ने कहा 😗 नहीं, सहनशील तो दो ही हैं। पहली, धरती जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है। उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भंडार देती है, दूसरे पेड़ जिनको पत्थर मारो फिर भी मीठे फल देते हैं। तुम सहनशील नहीं। सच बताओ तुम कौन हो ? (कालिदास लगभग मूर्च्छा की स्थिति में आ गए और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले)*कालिदास बोले 😗 मैं हठी हूँ ।.*स्त्री बोली 😗 फिर असत्य. हठी तो दो ही हैं- पहला नख और दूसरे केश, कितना भी काटो बार-बार निकल आते हैं। सत्य कहें ब्राह्मण कौन हैं आप ? (पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके थे)*कालिदास ने कहा 😗 फिर तो मैं मूर्ख ही हूँ ।.*स्त्री ने कहा 😗 नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो। मूर्ख दो ही हैं। पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब पर शासन करता है, और दूसरा दरबारी पंडित जो राजा को प्रसन्न करने के लिए ग़लत बात पर भी तर्क करके उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा करता है।(कुछ बोल न सकने की स्थिति में कालिदास वृद्धा के पैर पर गिर पड़े और पानी की याचना में गिड़गिड़ाने लगे)*वृद्धा ने कहा 😗 उठो वत्स ! (आवाज़ सुनकर कालिदास ने ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहां खड़ी थी, कालिदास पुनः नतमस्तक हो गए)*माता ने कहा 😗 शिक्षा से ज्ञान आता है न कि अहंकार । तूने शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा को ही अपनी उपलब्धि मान लिया और अहंकार कर बैठे इसलिए मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने के लिए ये स्वांग करना पड़ा।.कालिदास को अपनी गलती समझ में आ गई और भरपेट पानी पीकर वे आगे चल पड़े।शिक्षा :-विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है। दो चीजों को कभी *व्यर्थ* नहीं जाने देना चाहिए.... By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब. *अन्न के कण को* "और"*आनंद के क्षण को* 🙏Jai Mata Di🙏

जन्माष्टमी श्री कृष्ण जी मुख्य मेनू जन्माष्टमी By वनिता कासनियां पंजाबवार्षिक हिंदू त्योहार जो भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है भाषा PDF डाउनलोड करेंध्यान रखेंसंपादित करेंकृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी वा गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है।[1] यह हिंदू चंद्रमण वर्षपद के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में मनाया जाता है । [2] जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त व सितंबर के साथ अधिव्यापित होता है।[3]जन्माष्टमीभगवान कृष्णआधिकारिक नामश्रीकृष्ण जन्माष्टमीअनुयायीहिन्दू,नेपाली, भारतीय, नेपाली और भारतीय प्रवासीप्रकारहिन्दू धार्मिकउद्देश्यभगवान कृष्ण के आदर्शों को स्मरण करना और ध्यान में लानाउत्सवप्रसाद बाँटना, भजन गाना इत्यादिअनुष्ठानश्रीकृष्ण की झाँकी सजाना व्रत व पूजनआरम्भअति प्राचीनतिथिश्रावण, Krishna, अष्टमीविशेषतासंपादित करेंयह एक महत्वपूर्ण त्योहार है, विशेषकर हिन्दू धर्म की वैष्णव परम्परा में। भागवत पुराण (जैसे रास लीला वा कृष्ण लीला) के अनुसार कृष्ण के जीवन के नृत्य-नाटक की परम्परा, कृष्ण के जन्म के समय मध्यरात्रि में भक्ति गायन, उपवास (व्रत), रात्रि जागरण (रात्रि जागरण), और एक त्योहार (महोत्सव) अगले दिन जन्माष्टमी समारोह का एक भाग हैं। [4]यह मणिपुर, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा भारत के अन्य सभी राज्यों में पाए जाने वाले प्रमुख वैष्णव और निर्सांप्रदायिक समुदायों के साथ विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है[4]। कृष्ण जन्माष्टमी के उपरान्त त्योहार नंदोत्सव होता है, जो उस अवसर को मनाता है जब नंद बाबा ने जन्म के सम्मान में समुदाय को उपहार वितरित किए।कृष्ण देवकी और वासुदेव आनकदुंदुभी के पुत्र हैं और उनके जन्मदिन को हिंदुओं द्वारा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है, विशेष रूप से गौड़ीय वैष्णववाद परम्परा के रूप में उन्हें भगवान का सर्वोच्च व्यक्तित्व माना जाता है। जन्माष्टमी हिंदू परंपरा के अनुसार तब मनाई जाती है जब माना जाता है कि कृष्ण का जन्म मथुरा में भाद्रपद महीने के आठवें दिन (ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त और सितंबर के साथ अधिव्यपित) की आधी रात को हुआ था।[5]कृष्ण का जन्म अराजकता के क्षेत्र में हुआ था। यह एक ऐसा समय था जब उत्पीड़न बड़े पैमाने पर था, स्वतंत्रता से वंचित किया गया था, बुराई सब ओर थी, और जब उनके मामा राजा कंस द्वारा उनके जीवन के लिए संकट था।भगवान कृष्ण की महानतासंपादित करेंकृष्ण जी भगवान विष्णु जी के अवतार हैं, जो तीन लोक के तीन गुणों सतगुण, रजगुण तथा तमोगुण में से सतगुण विभाग के प्रभारी हैं।[6] भगवान का अवतार होने की वजह से कृष्ण जी में जन्म से ही सिद्धियां मौजूद थीं। उनके माता पिता वसुदेव और देवकी जी के विवाह के समय मामा कंस जब अपनी बहन देवकी को ससुराल पहुँचाने जा रहा था तभी आकाशवाणी हुई थी जिसमें बताया गया था कि देवकी का आठवां पुत्र कंस को मारेगा। अर्थात् यह होना पहले से ही निश्चित था अतः वसुदेव और देवकी को जेल में रखने के बावजूद कंस कृष्ण जी को नहीं मार पाया।[6]मथुरा की जेल में जन्म के तुरंत बाद, उनके पिता वसुदेव अानकदुन्दुबी कृष्ण को यमुना पार ले जाते हैं, ताकि माता-पिता का गोकुल में नंद और यशोदा नाम दिया जा सके। जन्माष्टमी पर्व लोगों द्वारा उपवास रखकर, कृष्ण प्रेम के भक्ति गीत गाकर और रात में जागरण करके मनाई जाती है। हालांकि श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार व्रत-उपवास तथा जागरण को शास्त्र विरुद्ध साधना कहा है ।अध्याय 6 का श्लोक 16(भगवान उवाच )न, अति, अश्नतः, तु, योगः, अस्ति, न, च, एकान्तम्, अनश्नतःन, च, अति, स्वप्नशीलस्य, जाग्रतः, न, एव, च, अर्जुन।हे अर्जुन! यह योग न तो बहुत खाने वाले का, न बिलकुल न खाने वाले का, न बहुत शयन करने के स्वभाव वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है || 16 ||[6]मध्यरात्रि के जन्म के बाद, शिशु कृष्ण की मूर्तियों को धोया और पहनाया जाता है, फिर एक पालने में रखा जाता है। इसके बाद भक्त भोजन और मिठाई बांटकर अपना उपवास तोड़ते हैं। महिलाएं अपने घर के दरवाजे और रसोई के बाहर छोटे-छोटे पैरों के निशान बनाती हैं जो अपने घर की ओर चलते हुए, अपने घरों में कृष्ण के आने का प्रतीक माना जाता है।समारोहसंपादित करेंजन्माष्टमी उत्सवकुछ समुदाय कृष्ण की किंवदंतियों को मक्कन चोर (मक्खन चोर) के रूप में मनाते हैं।हिंदू जन्माष्टमी को उपवास, गायन, एक साथ प्रार्थना करने, विशेष भोजन तैयार करने और साझा करने, रात्रि जागरण और कृष्ण या विष्णु मंदिरों में जाकर मनाते हैं। प्रमुख कृष्ण मंदिर 'भागवत पुराण' और 'भगवद गीता' के पाठ का आयोजन करते हैं। कई समुदाय नृत्य-नाटक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिन्हें रास लीला या कृष्ण लीला कहा जाता है। रास लीला की परंपरा विशेष रूप से मथुरा क्षेत्र में, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे मणिपुर और असम में और राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय है। यह शौकिया कलाकारों की कई टीमों द्वारा अभिनय किया जाता है, उनके स्थानीय समुदायों द्वारा उत्साहित किया जाता है, और ये नाटक-नृत्य नाटक प्रत्येक जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले शुरू होते हैं।[7]महाराष्ट्रसंपादित करेंदही हंडीजन्माष्टमी (महाराष्ट्र में "गोकुलाष्टमी" के रूप में लोकप्रिय) मुंबई, लातूर, नागपुर और पुणे जैसे शहरों में मनाई जाती है। दही हांडी कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन हर अगस्त/सितंबर में मनाई जाती है। यहां लोग दही हांडी को तोड़ते हैं जो इस त्योहार का एक हिस्सा है। दही हांडी शब्द का शाब्दिक अर्थ है "दही का मिट्टी का बर्तन"। त्योहार को यह लोकप्रिय क्षेत्रीय नाम शिशु कृष्ण की कथा से मिलता है। इसके अनुसार, वह दही और मक्खन जैसे दुग्ध उत्पादों की तलाश और चोरी करते थे और लोग अपनी आपूर्ति को बच्चे की पहुंच से बाहर छिपा देते थे। कृष्ण अपनी खोज में हर तरह के रचनात्मक विचारों को आजमाते थे, जैसे कि अपने दोस्तों के साथ इन ऊँचे लटकते बर्तनों को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाना। यह कहानी भारत भर में हिंदू मंदिरों के साथ-साथ साहित्य और नृत्य-नाटक प्रदर्शनों की कई राहतों का विषय है, जो बच्चों की आनंदमय मासूमियत का प्रतीक है, कि प्रेम और जीवन का खेल ईश्वर की अभिव्यक्ति है।[8]महाराष्ट्र और भारत के अन्य पश्चिमी राज्यों में, इस कृष्ण कथा को जन्माष्टमी पर एक सामुदायिक परंपरा के रूप में निभाया जाता है, जहां दही के बर्तनों को ऊंचे डंडे से या किसी इमारत के दूसरे या तीसरे स्तर से लटकी हुई रस्सियों से ऊपर लटका दिया जाता है। वार्षिक परंपरा के अनुसार, "गोविंदा" कहे जाने वाले युवाओं और लड़कों की टीमें इन लटकते हुए बर्तनों के चारों ओर नृत्य और गायन करते हुए जाती हैं, एक दूसरे के ऊपर चढ़ती हैं और एक मानव पिरामिड बनाती हैं, फिर बर्तन को तोड़ती हैं। गिराई गई सामग्री को प्रसाद (उत्सव प्रसाद) के रूप में माना जाता है। यह एक सार्वजनिक तमाशा है, एक सामुदायिक कार्यक्रम के रूप में उत्साहित और स्वागत किया जाता है।समकालीन समय में, कई भारतीय शहर इस वार्षिक हिंदू अनुष्ठान को मनाते हैं। युवा समूह गोविंदा पाठक बनाते हैं, जो विशेष रूप से जन्माष्टमी पर पुरस्कार राशि के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। इन समूहों को मंडल या हांडी कहा जाता है और वे स्थानीय क्षेत्रों में घूमते हैं, हर अगस्त में अधिक से अधिक बर्तन तोड़ने का प्रयास करते हैं। सामाजिक हस्तियां और मीडिया उत्सव में भाग लेते हैं, जबकि निगम कार्यक्रम के कुछ हिस्सों को प्रायोजित करते हैं। गोविंदा टीमों के लिए नकद और उपहार की पेशकश की जाती है, और टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 2014 में अकेले मुंबई में 4,000 से अधिक हांडी पुरस्कारों से लबरेज थे, और गोविंदा की कई टीमों ने भाग लिया था।[9]गुजरात और राजस्थानसंपादित करेंगुजरात के द्वारका में लोग - जहां माना जाता है कि कृष्ण ने अपना राज्य स्थापित किया था - दही हांडी के समान एक परंपरा के साथ त्योहार मनाते हैं, जिसे माखन हांडी (ताजा मथने वाले मक्खन के साथ बर्तन) कहा जाता है। अन्य लोग मंदिरों में लोक नृत्य करते हैं, भजन गाते हैं, कृष्ण मंदिरों जैसे द्वारकाधीश मंदिर या नाथद्वारा जाते हैं। कच्छ जिले के क्षेत्र में, किसान अपनी बैलगाड़ियों को सजाते हैं और सामूहिक गायन और नृत्य के साथ कृष्ण जुलूस निकालते हैं।वैष्णववाद के पुष्टिमार्ग के विद्वान दयाराम की कार्निवल-शैली और चंचल कविता और रचनाएँ, गुजरात और राजस्थान में जन्माष्टमी के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय हैं।[10]उत्तरी भारतसंपादित करेंजनमाष्टमी उत्सव के अवसर पर रूप धारण किया हुआ बालकजन्माष्टमी उत्तर भारत के ब्रज क्षेत्र में सबसे बड़ा त्योहार है, मथुरा जैसे शहरों में जहां हिंदू परंपरा कहती है कि कृष्ण का जन्म हुआ था, और वृंदावन में जहां वे बड़े हुए थे। उत्तर प्रदेश के इन शहरों में वैष्णव समुदाय, साथ ही अन्य राज्य राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमालयी उत्तर के स्थानों में जन्माष्टमी मनाते हैं। कृष्ण मंदिरों को सजाया जाता है और रोशनी की जाती है, वे दिन में कई आगंतुकों को आकर्षित करते हैं, जबकि कृष्ण भक्त भक्ति कार्यक्रम आयोजित करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।[11]भक्तजन मिठाई बांटते हैं।[12]त्योहार आम तौर पर वर्षा ऋतु में पड़ता है। फसलों से लदे खेतों और ग्रामीण समुदायों के पास खेलने का समय है। उत्तरी राज्यों में, जन्माष्टमी को रासलीला परंपरा के साथ मनाया जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "खुशी का खेल (लीला), सार (रस)"। इसे जन्माष्टमी पर एकल या समूह नृत्य और नाटक कार्यक्रमों के रूप में व्यक्त किया जाता है, जिसमें कृष्ण से संबंधित रचनाएं गाई जाती हैं। कृष्ण के बचपन की शरारतें और राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। क्रिश्चियन रॉय और अन्य विद्वानों के अनुसार, ये राधा-कृष्ण प्रेम कहानियां दैवीय सिद्धांत और वास्तविकता के लिए मानव आत्मा की लालसा और प्रेम के लिए हिंदू प्रतीक हैं।[11]जम्मू में, छतों से पतंग उड़ाना कृष्ण जन्माष्टमी पर उत्सव का एक हिस्सा है।पूर्वी और पूर्वोत्तर भारतसंपादित करेंजन्माष्टमी व्यापक रूप से पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के हिंदू वैष्णव समुदायों द्वारा मनाई जाती है। इन क्षेत्रों में कृष्ण जन्माष्टमी को मनाने की व्यापक परंपरा का श्रेय १५वीं और १६वीं शताब्दी के शंकरदेव और चैतन्य महाप्रभु के प्रयासों और शिक्षाओं को जाता है। उन्होंने दार्शनिक विचारों के साथ-साथ हिंदू भगवान कृष्ण को मनाने के लिए प्रदर्शन कला के नए रूप विकसित किए जैसे कि बोर्गेट, अंकिया नाट, सत्त्रिया और भक्ति योग अब पश्चिम बंगाल और असम में लोकप्रिय हैं। आगे पूर्व में, मणिपुर के लोगों ने मणिपुरी नृत्य रूप विकसित किया, एक शास्त्रीय नृत्य रूप जो अपने हिंदू वैष्णववाद विषयों के लिए जाना जाता है, और जिसमें सत्त्रिया की तरह रासलीला नामक राधा-कृष्ण की प्रेम-प्रेरित नृत्य नाटक कला शामिल है। ये नृत्य नाट्य कलाएं इन क्षेत्रों में जन्माष्टमी परंपरा का एक हिस्सा हैं, और सभी शास्त्रीय भारतीय नृत्यों के साथ, प्राचीन हिंदू संस्कृत पाठ नाट्य शास्त्र में प्रासंगिक जड़ें हैं, लेकिन भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच संस्कृति संलयन से प्रभावित हैं।[13]जन्माष्टमी पर, माता-पिता अपने बच्चों को कृष्ण की किंवदंतियों, जैसे कि गोपियों और कृष्ण के पात्रों के रूप में तैयार करते हैं। मंदिरों और सामुदायिक केंद्रों को क्षेत्रीय फूलों और पत्तियों से सजाया जाता है, जबकि समूह भागवत पुराण और भगवत गीता के दसवें अध्याय का पाठ करते या सुनते हैं।जन्माष्टमी मणिपुर में उपवास, सतर्कता, शास्त्रों के पाठ और कृष्ण प्रार्थना के साथ मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी के दौरान रासलीला करने वाले नर्तक एक उल्लेखनीय वार्षिक परंपरा है। मीतेई वैष्णव समुदाय में बच्चे लिकोल सन्नाबागेम खेलते हैं।[13]ओड़िशा और पश्चिम बंगालसंपादित करेंपूर्वी राज्य ओड़िशा में, विशेष रूप से पुरी के आसपास के क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के नबद्वीप में, त्योहार को श्री कृष्ण जयंती या बस श्री जयंती के रूप में भी जाना जाता है। लोग आधी रात तक उपवास और पूजा कर जन्माष्टमी मनाते हैं। भागवत पुराण कृष्ण के जीवन को समर्पित एक खंड, १०वें अध्याय से पढ़ा जाता है। अगले दिन को "नंदा उत्सव" या कृष्ण के पालक माता-पिता नंदा और यशोदा का खुशी का उत्सव कहा जाता है। जन्माष्टमी के पूरे दिन भक्त उपवास रखते हैं। वे अपने अभिषेक समारोह के दौरान गंगा स्नान राधा माधव से पानी लाते हैं। आधी रात को छोटे राधा माधव देवताओं के लिए एक भव्य अभिषेक किया जाता है, जबकि 400 से अधिक वस्तुओं का भोजन (भोग) भक्ति के साथ उनके प्रभु को अर्पित किया जाता है।[14]दक्षिण भारतसंपादित करेंगोकुला अष्टमी (जन्माष्टमी या श्री कृष्ण जयंती) कृष्ण का जन्मदिन मनाती है। गोकुलाष्टमी दक्षिण भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। [३९] केरल में, लोग मलयालम कैलेंडर के अनुसार सितंबर को मनाते हैं। तमिलनाडु में, लोग फर्श को कोलम (चावल के घोल से तैयार सजावटी पैटर्न) से सजाते हैं। गीता गोविंदम और ऐसे ही अन्य भक्ति गीत कृष्ण की स्तुति में गाए जाते हैं। फिर वे घर की दहलीज से पूजा कक्ष तक कृष्ण के पैरों के निशान खींचते हैं, जो घर में कृष्ण के आगमन को दर्शाता है। भगवद्गीता का पाठ भी एक लोकप्रिय प्रथा है। कृष्ण को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में फल, पान और मक्खन शामिल हैं। कृष्ण की पसंदीदा मानी जाने वाली सेवइयां बड़ी सावधानी से तैयार की जाती हैं। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं सीदाई, मीठी सीदाई, वेरकादलाई उरुंडई। यह त्योहार शाम को मनाया जाता है क्योंकि कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था। ज्यादातर लोग इस दिन सख्त उपवास रखते हैं और आधी रात की पूजा के बाद ही भोजन करते हैं।आंध्र प्रदेश में, श्लोकों और भक्ति गीतों का पाठ इस त्योहार की विशेषता है। इस त्यौहार की एक और अनूठी विशेषता यह है कि युवा लड़के कृष्ण के रूप में तैयार होते हैं और वे पड़ोसियों और दोस्तों से मिलते हैं। विभिन्न प्रकार के फल और मिठाइयाँ सबसे पहले कृष्ण को अर्पित की जाती हैं और पूजा के बाद इन मिठाइयों को आगंतुकों के बीच वितरित किया जाता है। आंध्र प्रदेश के लोग भी उपवास रखते हैं। इस दिन गोकुलनंदन चढ़ाने के लिए तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं। कृष्ण को प्रसाद बनाने के लिए दूध और दही के साथ खाने की चीजें तैयार की जाती हैं। राज्य के कुछ मंदिरों में कृष्ण के नाम का आनंदपूर्वक जप होता है। कृष्ण को समर्पित मंदिरों की संख्या कम है। इसका कारण यह है कि लोगों ने मूर्तियों के बजाय चित्रों के माध्यम से उनकी पूजा की जाती है।कृष्ण को समर्पित लोकप्रिय दक्षिण भारतीय मंदिर हैं, तिरुवरुर जिले के मन्नारगुडी में राजगोपालस्वामी मंदिर, कांचीपुरम में पांडवधूथर मंदिर, उडुपी में श्री कृष्ण मंदिर और गुरुवायुर में कृष्ण मंदिर विष्णु के कृष्ण अवतार की स्मृति को समर्पित हैं। किंवदंती कहती है कि गुरुवायुर में स्थापित श्री कृष्ण की मूर्ति द्वारका की है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह समुद्र में डूबी हुई थी।[14]भारत के बाहरसंपादित करेंनेपालसंपादित करेंनेपाल की लगभग अस्सी प्रतिशत आबादी खुद को हिंदू के रूप में पहचानती है और कृष्ण जन्माष्टमी मनाती है। वे आधी रात तक उपवास करके जन्माष्टमी मनाते हैं। भक्त भगवद गीता का पाठ करते हैं और भजन और कीर्तन करते हैं। कृष्ण के मंदिरों को सजाया जाता है। दुकानों, पोस्टरों और घरों में कृष्ण के रूपांकन हैं।[15]बांग्लादेशसंपादित करेंजन्माष्टमी बांग्लादेश में एक राष्ट्रीय अवकाश है। जन्माष्टमी पर, बांग्लादेश के राष्ट्रीय मंदिर, ढाकेश्वरी मंदिर ढाका से एक जुलूस शुरू होता है, और फिर पुराने ढाका की सड़कों से आगे बढ़ता है। जुलूस 1902 का है, लेकिन 1948 में रोक दिया गया था। जुलूस 1989 में फिर से शुरू किया गया था।[16]फ़िजीसंपादित करेंफिजी में कम से कम एक चौथाई आबादी हिंदू धर्म का पालन करती है, और यह अवकाश फिजी में तब से मनाया जाता है जब से पहले भारतीय गिरमिटिया मजदूर वहां पहुंचे थे। फिजी में जन्माष्टमी को "कृष्णा अष्टमी" के रूप में जाना जाता है। फ़िजी में अधिकांश हिंदुओं के पूर्वज उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु से उत्पन्न हुए हैं, जिससे यह उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण त्योहार है। फिजी का जन्माष्टमी उत्सव इस मायने में अनोखा है कि वे आठ दिनों तक चलते हैं, जो आठवें दिन तक चलता है, जिस दिन कृष्ण का जन्म हुआ था। इन आठ दिनों के दौरान, हिंदू घरों और मंदिरों में अपनी 'मंडलियों' या भक्ति समूहों के साथ शाम और रात में इकट्ठा होते हैं, और भागवत पुराण का पाठ करते हैं, कृष्ण के लिए भक्ति गीत गाते हैं, और प्रसाद वितरित करते हैं।[17]रीयूनियनफ्रांसीसी द्वीप रीयूनियन के मालबारों में, कैथोलिक और हिंदू धर्म का एक समन्वय विकसित हो सकता है। जन्माष्टमी को ईसा मसीह की जन्म तिथि माना जाता है।[17]अन्यएरिज़ोना, संयुक्त राज्य अमेरिका में, गवर्नर जेनेट नेपोलिटानो इस्कॉन को स्वीकार करते हुए जन्माष्टमी पर संदेश देने वाले पहले अमेरिकी नेता थे। यह त्योहार कैरिबियन में गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, जमैका और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश फिजी के साथ-साथ सूरीनाम के पूर्व डच उपनिवेश में हिंदुओं द्वारा व्यापक रूप से मनाया जाता है। इन देशों में बहुत से हिंदू तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और बिहार से आते हैं; तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और उड़ीसा के गिरमिटिया प्रवासियों

जन्माष्टमी जन्माष्टमी जय श्री कृष्ण जी jaमुख्य मेनू खोलें खोजें जन्माष्टमी By वनिता कासनियां पंजाब वार्षिक हिंदू त्योहार जो भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है भाषा PDF डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें कृष्ण जन्माष्टमी ,  जिसे  जन्माष्टमी  वा  गोकुलाष्टमी  के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो  विष्णुजी  के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है। [1]  यह हिंदू चंद्रमण वर्षपद के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को  भाद्रपद  में मनाया जाता है ।  [2]  जो  ग्रेगोरियन कैलेंडर  के अगस्त व सितंबर के साथ अधिव्यापित होता है। [3] जन्माष्टमी भगवान कृष्ण आधिकारिक नाम श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अनुयायी हिन्दू , नेपाली ,  भारतीय , नेपाली और भारतीय प्रवासी प्रकार हिन्दू धार्मिक उद्देश्य भगवान कृष्ण के आदर्शों को स्मरण करना और ध्यान में लाना उत्सव प्रसाद बाँटना, भजन गाना इत्यादि अनुष्ठान श्रीकृष्ण ...