*कृष्ण ही कृष्ण....*_कृष्ण उठत कृष्ण चलत कृष्ण शाम भोर है,__कृष्ण बुद्धि कृष्ण चित्त कृष्ण मन विभोर है।_ _कृष्ण रात्रि कृष्ण दिवस कृष्ण स्वप्न शयन है,__कृष्ण काल कृष्ण कला कृष्ण मास अयन है।_ _कृष्ण शब्द कृष्ण अर्थ कृष्ण ही परमार्थ है,_ _कृष्ण कर्म कृष्ण भाग्य कृष्णहि पुरुषार्थ है।_ _कृष्ण स्नेह कृष्ण राग कृष्णहि अनुराग है,__कृष्ण कली कृष्ण कुसुम कृष्ण ही पराग है।_ _कृष्ण भोग कृष्ण त्याग कृष्ण तत्व ज्ञान है,__कृष्ण भक्ति कृष्ण प्रेम कृष्ण ही विज्ञान है।_ _कृष्ण स्वर्ग कृष्ण मोक्ष कृष्ण परम साध्य है,__कृष्ण जीव कृष्ण ब्रह्म कृष्ण ही आराध्य है।_, *जय श्री कृष्ण , 🙏🙏*
*कृष्ण ही कृष्ण....*
_कृष्ण उठत कृष्ण चलत कृष्ण शाम भोर है,_
_कृष्ण बुद्धि कृष्ण चित्त कृष्ण मन विभोर है।_
_कृष्ण रात्रि कृष्ण दिवस कृष्ण स्वप्न शयन है,_
_कृष्ण काल कृष्ण कला कृष्ण मास अयन है।_
_कृष्ण शब्द कृष्ण अर्थ कृष्ण ही परमार्थ है,_
_कृष्ण कर्म कृष्ण भाग्य कृष्णहि पुरुषार्थ है।_
_कृष्ण स्नेह कृष्ण राग कृष्णहि अनुराग है,_
_कृष्ण कली कृष्ण कुसुम कृष्ण ही पराग है।_
_कृष्ण भोग कृष्ण त्याग कृष्ण तत्व ज्ञान है,_
_कृष्ण भक्ति कृष्ण प्रेम कृष्ण ही विज्ञान है।_
_कृष्ण स्वर्ग कृष्ण मोक्ष कृष्ण परम साध्य है,_
_कृष्ण जीव कृष्ण ब्रह्म कृष्ण ही आराध्य है।_
*जय श्री कृष्ण , 🙏🙏*
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