नामदेवजी ने घर में लगी आग में किए भगवान के दर्शन,जहां देखो वहां मौजूद कृष्ण प्यारा है!!!!!!!#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की #अध्यक्ष #श्रीमती #वनिता_कासनियां #पंजाब #संगरिया #राजस्थानसम्पूर्ण जगत भगवान में ही ओतप्रोतगीता (१०।३९) में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं–यच्चापि सर्वभूतानां बीजं तदहमर्जुन।न तदस्ति विना यत्स्यान्मया भूतं चराचरम्।।अर्थ—हे अर्जुन! सम्पूर्ण प्राणियों का जो बीज है, वह मैं ही हूँ। मेरे बिना कोई भी चर-अचर प्राणी नहीं है।यह सम्पूर्ण संसार साक्षात् परमात्मा का ही स्वरूप है। आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, ग्रह-नक्षत्र, दिशाएं, वृक्ष, नदियां, समुद्र, जमीन, खम्भा, मकान जो भी चीज देखने, सुनने या चिन्तन में आती है—ये सब भगवान ही हैं। चर-अचर, जलचर, नभचर, थलचर, भूत-प्रेत, पिशाच, दानव, राक्षस, देवता, गंधर्व, चौरासी लाख योनियां, चौदह भुवन–इन सबका बीज एक भगवान ही हैं। इसमें भला-बुरा, अच्छा-गंदा, गुण-दोष आदि दो चीजें नहीं हैं। संसार के आदि में भी भगवान थे और अन्त में भी भगवान रहेंगे।श्रीमद्भागवत (२।९।३२) में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं–‘सृष्टि के पूर्व भी मैं ही था, मुझसे भिन्न कुछ भी...